
ओडिशा का संपूर्ण इतिहास | ओडिशा की कहानी | Fact About Odisha In Hindi
दोस्तों: आज हम आपको भारत के कैसे राज्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने इतिहास अपनी कला अपने नृत्य मंदिरों और कई ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के लिए चला जाता है इस राज्य में विश्व का सबसे बड़ा डैम मौजूद है और यहां पर आप रॉयल बंगाल टाइगर और व्हाइट टाइगर को एक साथ देख सकते हैं यह एक ऐसा राज्य है जहां बॉक्सर समुदाय के लोग एक साथ रहते हैं फिर कई ऐसे त्योहारों का आयोजन किया जाता है जिन्हें देखने हर साल लाखों लोग आते हैं और इसी राज्य में दुनिया का सबसे बड़ा ओपिन एयर थिएटर भी मौजूद है, इस राज्य में एक ऐसी जगह भी मौजूद है जिसे भारत का बरमूडा ट्रायंगल कहा जाता है या राज्य बेहद शांत राज्य है और इस राज्य में हजार से भी ज्यादा प्राचीन मंदिर मौजूद है जी हां हम बात कर रहे हैं ओडिशा राज्य और “ओडिशा का इतिहास | History Of Odisha In Hindi” का, इसलिए इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े|
ओडिशा राज्य की राजधानी कहां है?
सबसे पहले बता दे की उड़ीसा की राजधानी शहर भुवनेश्वर है और भुवनेश्वर राजधानी होने के साथ-साथ सबसे बड़ा शहर भी है, भुवनेश्वर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है और इसको साल 2016 में सबसे अच्छी स्मार्ट सिटीज की सूची में शामिल क्या गया था और अभी यही शहर उड़ीसा की राजधानी है|
ओडिशा की कुल जनसंख्या कितनी है?
उड़ीसा की कुल जनसंख्या 4 करोड़ 78 लाख है और इस राज्य की अर्थव्यवस्था 6 लाख करोड़ हैं, और उड़ीसा की सीमाएं पश्चिम बंगाल झारखंड आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ साझा करता है, उड़ीसा एक ऐतिहासिक जगह है और इस राज्य का इतिहास हजारों साल पुराना है, इस राज्य को पहले उत्कल और कालिंग नाम से जाना जाता था इस राज्य का नाम समय-समय पर कई बार बदल गया अंतिम बादशाह 2011 में इस राज्य का नाम उड़ीसा से बदलकर ओडिशा कर दिया गया था|
ओडिशा राज्य पर किन-किन राजाओं ने शासन किया है?
इस राज्य पर मुगल ब्रिटिश मराठा और हैदराबाद के नवाबों के अलावा अनेक ऑन साम्राज्य ने शासन किया है, मौर्य शासक सम्राट अशोक के लिए भी यह राज्य काफी हम था सन 261 ईसा पूर्व के दौरान यहीं पर कलिंग युद्ध लड़ा गया था जिसमें हजारों लाखों की संख्या में सैनिक मारेगए थे इस युद्ध के बाद ही अशोक का हृदय परिवर्तन हुआ था और उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया था, आपको जानकर हैरानी होगी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर ने भी उड़ीसा राज्य पर कब्जा करने की कोशिश क्या था क्योंकि उनका मानना था कि इस राज्य में इतनी प्राकृतिक संसाधन मौजूद है जिसके जरिए दुनिया की कोई भी जंग जीती जा सकती है, खा जाता है कि जर्मनी की सेना पूरी के समुद्र तक भी पहुंच गए थे लेकिन फिर भी हिटलर इस राज्य पर कब्जा नहीं कर पाया|
ओडिशा में सबसे ज्यादा कौन सी भाषा बोली जाती है?
उड़ीसा में सबसे ज्यादा उड़िया भाषा बोली जाती है लेकिन इसके अलावा संबलपुरी और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल यहां पर भी किया जाता है, इस राज्य के लगभग 60% आबादी आज भी कृषि पर ही निर्भर करते हैं,b किस राज्य में नारियल गाना चावल हल्दी मुख्य तौर पर किया जाता है और बंगाल की तरह उड़ीसा मैं भी मछली एक प्रमुख डिश है 100 से ज्यादा प्रजातियां की मछलियां यहां पर खा जाते हैं ऑल इन मछलियों से कई प्रकार के भजन भी तैयार किए जाते हैं जिन्हें देखकर लोगों की मुंह में पानी आ जाता है|
स्टील का सबसे बड़ा उत्पादक कौनसा राज्य है?
दोस्तों: उड़ीसा भारत का सबसे बड़ा स्टेट उत्पादक राज्य है हर साल 18 मिलियन मैट्रिक टन से ज्यादा स्टील का उत्पादन उड़ीसा करता है, उड़ीसा के राऊलकिला में एक प्रमुख स्टील प्लांट भी लगा हुआ है, और उड़ीसा का कोरापुत बंदरगाह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है|
ओडिशा राज्य के संस्कृति
उड़ीसा विभिन्न संस्कृतियों वाला एक अनोखा राज्य है यहां पर आपको कई हरे भरे जंगल मंदिर सुंदर झरने और शांत जगह देखने को मिलेंगे, उड़ीसा मैं बाउंसर समुदाय के लोग रहते हैं आठ और कलर के मामले में भी राज्य भी संपन्न है, विश्व प्रसिद्ध सेंट आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक उड़ीसा के ही रहने वाले हैं इनके आर्ट को अपने अक्सर सोशल मीडिया प्रोवाइड होते हुए भी देखा होगा सुदर्शन पटनायक का नाम गनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स मैं भी दर्ज है, उड़ीसा आज पूरी तरह से चाइल्ड लेबर से मुक्त हो गया है यहां पर कोई भी बच्चा मजदूरी करता नजर नहीं आएगा और अगर कोई बच्चों से मजदूरी करता है तो सबसे शक्ति सजा दी जाती है|
उड़ीसा में हर साल कई प्रकार के त्योहारों का आयोजन किया जाता है पुरी में आयोजन होने वाले भगवान जगन्नाथ की यात्रा के बारे में आपने सुना ही होगा लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होकर भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचते हैं, किलिंग फेस्टिवल यहां का प्रमुख त्यौहार है दशहरा और दुर्गा पूजा जैसे भी उड़ीसा में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, बाली तृतीया, नवकलेवर, मकर मेला, और रज पर्व महोत्सव और कोणार्क डांस फेस्टिवल जैसे कई त्यौहार उड़ीसा में मनायाजाता है, इन त्योहारों में उड़ीसा का अद्भुत संस्कृति और परंपरा की झलक देखने को मिलते हैं|
ओडिशा के सब से बेहतरीन पर्यटन स्थल|
अब अब आपको डिजाइन में घूमने लायक प्रसिद्ध जगह के बारे में बताते हैं जहां जाकर आप इंजॉय कर सकते हैं|
- भगवान जगन्नाथ मंदिर (BHAGWAN JAGANNATH MANDIR), उड़ीसा के पूरे में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर पूरे राज्य का सबसे प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल है चार धामों में से एक धाम यही है, 12वीं शताब्दी के दौरान इस मंदिर का निर्माण कराया गया था इसमें भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ बलभद्र और देवी सुभद्रा की आराधना भी की जाती है यहां पर रोजाना 10000 से ज्यादा लोग भोजन भी करते हैं, 200 चूल्हे 400 रसोई इस मंदिर के के रसोई में काम करते हैं, पुरी की बीच भी सैलानियों के बीच काफी लोग प्रिय है, सर्फिंग के दीवाने के लिए और उड़ीसा जन्नत से काम नहीं है यहां हर सालसर्फ फेस्टिवल का आयोजन होता है जिसमें देश-विदेश से लोग अपने अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन करने आते हैं|
- भुवनेश्वर (BHUBANESWAR), उड़ीसा की भुवनेश्वर शहर की स्थापना राजा शिशुपाल द्वारा किए गए थे, वैसे इस शहर में कई ऐतिहासिक मंदिर है लेकिन भगवान शिव का लिंग राज मंदिर सबसे प्रमु है इस मंदिर से लोगों की विशेष आस्था जुड़ा हुआ है, लवली हिल्स उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं रत्नागिरी बौद्ध मठ नंदकानन चिड़ियाघर जैसी देखो जगह भुवनेश्वर में घूम सकते हैं|
- चिल्का लेक (CHILKA LAKE), यह भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है सर्दियों के समय यह झील हजारों प्रवासी पक्षियों का घर बन जाती है यहां सतपुड़ा इलाके में बोटिंग के दौरान आपको इरावदी डॉल्फिंस देखने को मिलेगी और नालाबाना तेरी पर पक्षियों की दुनिया देखने का अनुभव काफी अलौकिक होगा, एक बार यहां आने के बाद हर कोई यही कहता है थोड़ी देर और रख पाते|
- कोनार्क मंदिर (KONARK TEMPLE), यह 13वीं शताब्दी में बना मंदिर एक विशाल रथ के आकार में बना है जिसके 24 पहिए और साथ घोड़े सूर्य देव को खींचते हुए प्रतीत होते हैं, इसकी दीवारों पर की गई नक्काशी इतनी बड़ी की है कि हर तस्वीर कोई ना कोई कहानी बयां करती है, यह जगह युनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में भी शामिल है और उड़ीसा आने वाले हर सैलानी की लिस्ट में टॉप पर होती है, यह मंदिर न केवल स्थपतय का चमत्कार है बल्कि एक गहरा संस्कृति और आध्यात्मिक अनुभव भी है इसलिए यह जगह घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए|
- रत्नागिरी ( RATNAGIRI), रत्नागिरी जिसे बौद्ध धर्म का गुप्त खजाना भी कहाजाता है रत्नागिरी, उदयगिरि, और ललित गिरी यह तीनों मिलकर बनाते हैं उड़ीसा का बुद्ध ट्रायंगल, रत्नागिरी को प्राचीन बौद्ध स्तूप विहार और मठ मौजूद है, यहां खुदाई में बुध की कई दुर्लभ मूर्तियां और तांबे का प्लेट मिली है जो बताती है जो बताती है कि यह जगह कभी बौद्ध शिक्षा और ज्ञान का बड़ा केंद्र रहा है, यहां का वातावरण प्रशांत और दिव्या है मानो समय ठहर जाता है इसलिए इस जगह जरूर घूमने के लिए जाना चाहिए|
- गुप्तेश्वर गुफा (GUPTESHWAR CAVE), गुप्तेश्वर को रहस्यमय और पवित्र जगह भी कहा जाता है यह कोरापुट जिले के घने जंगलों के बीच मौजूद एक प्रकृति गुफा है जिसके अंदर स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है यह सावन के महीने में हजारों कांवरिया जल चढ़ाने आते हैं, गुफा में उतरते ही ठंडी हवा का झोंका और ओम नमः शिवाय की गूंज आपको किसी अलग ही दुनिया में ले जाती है|
- सिमलीपाल नेशनल पार्क (SIMILIPAL NATIONAL PARK), उड़ीसा का सबसे बड़ा और भारत के सबसे प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक है, बिहार की हरियाली झरने और वन्यजीवों की विविधता इसे एक इको टूरिज्म हेवन बना देता है, बरेहीपाना वॉटरफॉल, चाहलीकुंडा और गर्जनपठ जैसे सपोर्ट यहां आने वाले को मंत्र मुक्त कर देते हैं अगर आप प्रकृति से सच्चा प्यार करते हैं तो सिमलीपाल एक बार जरूर आइए, यह जगह आपको कभी बोलने नहीं देंगी, क्योंकि यह जगह बहुत ही खूबसूरत है|
दोस्तों यह था ओडिशा और उससे जुड़े कुछ ऐसे जगह और फैक्ट्स जो इस राज्य को सबसे अलग बनाते हैं|
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